41 सांसों के साथ सुरंग में फंसे हुए: अब ऊपर और साइड ड्रिलिंग की तैयारी, ऑगर मशीन चलने से हो रही झटका; मलबा गिरने का खतरा।

41 सांसों के साथ सुरंग में फंसे हुए: अब ऊपर और साइड ड्रिलिंग की तैयारी, ऑगर मशीन चलने से हो रही झटका; मलबा गिरने का खतरा।

Silkyara Tunnel: 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोल गांव जाने वाली सुरंग में भारी भूस्खलन हुआ था। जिसके चलते मुहाने के पास सुरंग बंद होने से 41 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं।

सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को शनिवार को सातवें दिन भी बाहर नहीं निकाला जा सका। रेस्क्यू के दौरान सुरंग में कंपन और मलबा गिरने के खतरे पर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग बंद कर दी गई है। अब सुरंग के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग की तैयारी है। वहीं बैकअप के तौर पर इंदौर से मंगवाई गई एक और ऑगर मशीन शुक्रवार देर रात जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंची। शनिवार दोपहर तीन ट्रकों के जरिये इन मशीनों को सिलक्यारा साइट पर पहुंचाया गया।

12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोल गांव जाने वाली सुरंग में भारी भूस्खलन हुआ था। जिसके चलते मुहाने के पास सुरंग बंद होने से 41 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। घटना को सात दिन का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका। जेसीबी से मलबा हटाने में असफलता मिलने पर 14 नवंबर को दिल्ली से अमेरिकी ऑगर मशीन मंगाई गई। दो दिन तक ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की गई, लेकिन 22 मीटर ड्रिलिंग के बाद काम बंद कर दिया गया है।

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