29 अक्टूबर, 1923 को तुर्की के चुने हुए जनप्रतिनिधि नई सरकार के गठन के बाद ये नारा लगा रहे थे.
इस नए बने देश के पहले राष्ट्रपति के तौर पर कमाल अतातुर्क ने उसी दिन शपथ ली थी.
लेकिन ऐसा नहीं था कि देश में हरेक शख़्स उस रोज़ खुश ही था. कुछ लोग उस दिन दुनिया के सबसे महानतम ताक़तों में से एक ऑटोमन साम्राज्य के पतन का अफ़सोस भी मना रहे थे.
तुर्क साम्राज्य के पतन और आधुनिक तुर्की के उदय के अब सौ साल पूरे हो गए हैं. तुर्की पर 600 सालों तक हुकूमत करने वाले उस्मानिया सल्तनत की ताबूत में आख़िरी कील नवंबर, 1922 में ग्रैंड नेशनल असेंबली ने सुल्तान के ओहदे को ख़त्म करने साथ ठोक दी थी.